दिवाली से ठीक पहले एयर पॉल्युशन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। NGT ने सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट (MoEF) और 4 अन्य राज्य सरकारों को नोटिस जारी करके 7 से 30 नवंबर तक पटाखों पर बैन लगाने को कहा है।
NGT ने कहा,''पब्लिक हेल्थ और पर्यावरण सुरक्षा के लिए ये कदम उठाना जरूरी है।'' NGT के चेयरमैन जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट के अलावा सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी नोटिस दिया है। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से भी जवाब मांगा है।
हालांकि, कुछ ही घंटों में राजस्थान सरकार ने पटाखों को बैन करने का आदेश भी जारी कर दिया। राज्य के होम मिनिस्ट्री के मुताबिक, 31 दिसंबर तक राज्य में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा रहेगा।
न्याय मित्र के तौर पर दो वकील अप्वाइंट किए
ट्रिब्यूनल ने सीनियर एडवोकेट राज पंजवानी और शिवानी घोष को इस मामले में सरकारों और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की मदद के लिए न्याय मित्र के तौर पर अप्वाइंट किया है। दिल्ली-एनसीआर में लगातार एयर क्वालिटी खराब हो रही है। प्रदूषण के चलते कोरोना महामारी संकट और बढ़ सकता है। इसी को आधार बनाते हुए इंडियन सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी नेटवर्क ने NGT के सामने याचिका दायर की थी। याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के बयानों का भी हवाला दिया गया है, जिनमें कहा गया था कि वायु प्रदूषण के कारण त्योहारों के मौसम में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।
कोरोना मरीजों पर प्रदूषण का बुरा असर ज्यादा
याचिका में बढ़ते प्रदूषण को कोरोना मरीजों के लिए हानिकारक बताया गया है। कहा गया कि कोरोना मरीजों की इससे जान को खतरा ज्यादा है। कुछ स्टडी रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया है। जिसमें प्रदूषण से डेथ रेट में बढ़ोतरी की बात कही गई है। अभी दिल्ली में हर दिन 5 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में ग्रीन पटाखे भी जलाना सही नहीं होगा। इसके धुंए से पूरा गैस चैंबर बन जाएगा।