री पंचायती अखाड़ा निर्मल में कुंभ मेले के स्थायी निर्माण कार्यों का श्रीगणेश अखाड़े के संतों ने नारियल फोड़कर और पूजा-अर्चना कर किया। इस दौरान कोठारी महंत जसविंद्र सिंह ने कहा कि अखाड़ों की परंपरा से ही कुंभ मेले की पहचान है। कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अखाड़ों में आते हैं। आदि-अनादि काल से संत महापुरुषों द्वारा अखाड़ों, मठ-मंदिरों से सनातन संस्कृति की पंरपरांओं का संचालन किया जा रहा है। युवा संतों को सनातन परंपरांओं का निर्वहन कराने में अखाड़ों के वरिष्ठ संतों द्वारा प्रेरित किया जाता है।कोठारी महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुंभ मेले की भव्यता और दिव्यता को लेकर बार-बार अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। कुंभ निर्माण कार्य मठ-मंदिरों, पौराणिक सिद्ध पीठों, मनसा देवी, चण्डी देवी के अलावा गंगा घाटों पर भी संचालित हैं। अखाड़ों-आश्रमों का सौंदर्यीकरण भी तेजी के साथ किया जा रहा है। जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्राप्त हो सकें। अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कुंभ मेला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि कनखल क्षेत्र से अतिक्रमण तत्काल हटाया जाना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में सौंदर्यीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
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