पशुपतिनाथ मंदिर को ख्याति उपलब्ध कराने के लिए सामाजिक संस्था ने 3700 किलो का महाघंटा बनवा लिया है। राशि के अभाव में उसे लाने का काम करीब एक साल से रुका है। हाल ही में विधायक ने बचे करीब 3 लाख विधायक निधि से देने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रशासन व सामाजिक संस्था ने शिवरात्रि से पहले महाघंटा को मंदसौर लाने का निर्णय कर लिया है। संस्था के जिम्मेदार जल्द मुहूर्त निकलवाकर महाघंटा को लाने की बात कह रहे हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर में महाघंटा स्थापित करने के लिए श्री कृष्ण कामधेनु सामाजिक, धार्मिक लोकन्यास द्वारा करीब 4 साल पहले अभियान की शुरुआत की। करीब 2 साल में संस्था के सदस्यों ने जनसहयोग से धातु व राशि एकत्र करने का काम किया। संस्था के सदस्यों ने जिलेभर में 145 से अधिक यात्राएं निकालीं। इसमें 4412 किलो धातु एवं 17 लाख 13 हजार रुपए एकत्र किए। संस्था ने घंटा बनाने के लिए अहमदाबाद की राजराजवी मेटल प्रालि को 675 रुपए प्रतिकिलाे मजदूरी के मान से ठेका दिया। संस्था पहले 2100 किलाे का महाघंटा बना रही थी। बाद में समिति ने देश का सबसे बड़ा घंटा बनाने व भविष्य में भी वह सबसे बड़ा बना रहे इसलिए इसे और बड़ा करने का निर्णय लिया।
इसके बाद ठेकेदार ने काम शुरू किया व वर्तमान में करीब 3700 किलो का महाघंटा अहमदाबाद में एक साल से तैयार है। इसके बाद भी करीब 3 लाख 24 हजार रुपए मजदूरी पर लगने वाली जीएसटी की राशि की समस्या सामने आई। यात्राओं के माध्यम से संस्था धातु व निर्माण की लागत ठेकेदार को दे चुकी थी। जीएसटी की समस्या व मंदिर समिति द्वारा अनुमति नहीं मिलने से घंटे काे मंदसौर लाने का काम अब तक नहीं किया। हाल ही में विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने अतिरिक्त राशि का भुगतान विधायक निधि से करने का आश्वासन दिया। वहीं कलेक्टर ने महाघंटा के लिए टॉवर निर्माण तक उसे मंदिर परिसर में हॉल में कॉच के शोकेस में रखने की सहमति दी। इस पर समिति सदस्याें ने शिवरात्रि से पहले महाघंटा को मंदसौर लाने की तैयारी कर ली।