अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए धन संग्रह अभियान संतों की अगुवाई में चलाया जाएगा। विहिप ने पूरा राममंदिर आंदोलन संतों के मार्गदर्शन में चलाया है। यही कारण है कि 15 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू हो रहे धन संग्रह अभियान के लिए गठित होने वाले मार्गदर्शक मंडल में संतों को शामिल किया जा रहा है।
15 जनवरी से 31 जनवरी तक पहले बड़ी राशि (पांच हजार रुपये से अधिक) के कूपन पर धन संग्रह होगा। उसके बाद एक से 27 फरवरी तक 10 रुपये से 5 हजार तक जुटाएंगे। इस दौरान कार्यकर्ता सभी घरों में जाकर राम मंदिर का प्रकरण बताएंगे, पत्रक देंगे और सहयोग का आह्वान करेंगे। जो भी धन संग्रहित होगा उसे बैंक में जमा किया जाएगा।
अभियान को लेकर माधव ज्ञान केंद्र नैनी और अंदावा स्थित एक गेस्ट में विचार-परिवार की बैठकें हुई जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद, भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आदि संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। माधव ज्ञान केंद्र में हुई बैठक को आरएसएस काशी प्रांत के प्रचारक रमेश ने संबोधित किया।
तय किया गया कि प्रांत से लेकर नगर, भाग और प्रखंड स्तर तक धन संग्रह के लिए ढांचा तैयार किया जाएगा। 13 दिसंबर तक टोलियों की बैठकें होंगी। उसके बाद प्रत्येक स्तर पर 20 से 25 लोगों का एक मार्गदर्शक मंडल गठित होगा जिसमें प्रमुख संत, विशिष्टजन शामिल होंगे। प्रत्येक स्तर पर संघ विचार परिवार के 15 पदाधिकारियों की एक अभियान समिति बनेगी जो धन संग्रह का काम करेंगे।
समिति का नाम श्री राम मंदिर निधि समर्पण समिति होगा। साथ ही प्रत्येक स्तर पर 4 से 5 लोगों की संचालन समिति बनेगी जो अभियान की निगरानी करेगी। अभियान समितियों का नेतृत्व करने वालों के नाम भी तय हो गए हैं जिसकी घोषणा 13 दिसंबर तक होने जा रही बैठकों में बताया जाएगा।