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अगर कामयाबी पानी है तो अपने लक्ष्य पर डटे रहे, पढ़िए ये कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक जगह से दूसरी जगह भ्रमण करते रहते थे। इस दौरान वे आसपास होने वाली घटनाओं से भी जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के उपदेश देते थे। एक दिन वे अपने शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे।
रास्ते में एक खेत में बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए थे। एक ही खेत में इतने सारे गड्ढे देखकर सभी शिष्य हैरान थे। किसी को भी ये समझ नहीं आ रहा था कि आखिर किसी ने एक साथ इतने गड्ढे क्यों खोदे हैं।
शिष्यों ने बुद्ध से पूछा, 'तथागत कृपया बताएं, एक खेत में इतने सारे गड्ढों का क्या रहस्य है?'
बुद्ध ने कहा, 'इस खेत के मालिक ने पानी की खोज करते हुए इतने गड्ढे खोद दिए हैं। वह कुआं खोद रहा था, लेकिन उसमें धैर्य की कमी थी। थोड़ा सा गड्ढा खोदने पर पानी नहीं निकला तो उसने दूसरा गड्ढा खोदना शुरू किया। दूसरे में पानी नहीं निकला तो तीसरा गड्ढा खोदा। इसी तरह उसने खेत में जगह-जगह गड्ढे खोद दिए। अगर पर धैर्य के साथ एक ही जगह पर गड्ढा खोदते रहता तो उसे पानी जरूर मिल जाता।

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रास्ते में एक खेत में बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए थे। एक ही खेत में इतने सारे गड्ढे देखकर सभी शिष्य हैरान थे। किसी को भी ये समझ नहीं आ रहा था कि आखिर किसी ने एक साथ इतने गड्ढे क्यों खोदे हैं।
शिष्यों ने बुद्ध से पूछा, 'तथागत कृपया बताएं, एक खेत में इतने सारे गड्ढों का क्या रहस्य है?'
बुद्ध ने कहा, 'इस खेत के मालिक ने पानी की खोज करते हुए इतने गड्ढे खोद दिए हैं। वह कुआं खोद रहा था, लेकिन उसमें धैर्य की कमी थी। थोड़ा सा गड्ढा खोदने पर पानी नहीं निकला तो उसने दूसरा गड्ढा खोदना शुरू किया। दूसरे में पानी नहीं निकला तो तीसरा गड्ढा खोदा। इसी तरह उसने खेत में जगह-जगह गड्ढे खोद दिए। अगर पर धैर्य के साथ एक ही जगह पर गड्ढा खोदते रहता तो उसे पानी जरूर मिल जाता।