संगम की रेती पर विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 14 जनवरी से शुरू होगा। दुनिया के इस सबसे बड़े मेले की तैयारियां व्यापक स्तर पर शुरू हो गई हैं। कोरोना काल में तमाम चुनौतियों के बीच बस रहा माघ मेला एक नई आशा और उजास का किरण लेकर आ रहा है। क्योंकि इस बार माघ मेला के स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति का दुर्लभ योग बन रहा है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू हो रहे माघ मेला के छह स्नान पर्व में चार स्नान पर्व गुरुवार को ही पड़ रहे हैं। ग्रहीय गोचर के अनुसार, गुरु बृहस्पति महामारी व अनिष्टकारी शक्तिओं को नष्ट करने में सक्षम हैं।
6 में चार स्नान पर्व गुरुवार को-
माघ मेला का पहला स्नान पर्व 14 जनवरी, गुरुवार मकर संक्रांति से शुरू होगा। इसमें 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 11 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व गुरुवार को पड़ेगा। इस बीच 16 फरवरी को वसंत पंचमी मंगलवार और माघी पूर्णिमा 27 फरवरी, शनिवार को पड़ेगी।