राजस्थान में राजपूत राजाओं के बनाए कई किले हैं उन्हीं में से एक है मंडोर का ऐतिहासिक किला। इस किले के रख-रखाव और संरक्षण का जिम्मा मेहरानगढ़ ट्रस्ट ने उठाया है। यह ट्रस्ट वहां सुविधाओं को भी विकसित करेगा। सरकार की अडॉप्ट अ हेरिटेज-योजना के तहत जोधपुर में भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन मंडोर किले को मेहरानगढ़ दुर्ग को गोद दिया गया है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से संयुक्त निदेशक मीनाक्षी मेहता ने संयुक्त रूप से अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
रियासत काल में मंडोर दुर्ग जोधपुर की राजधानी हुआ करती थी, इस दुर्ग पर अनेक शासकों का राज रहा। किवदंती है कि एक ऋषि के श्राप से दुर्ग तहस-नहस हो गया था। वर्तमान में दुर्ग पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के अधीन है। यहां पर एएसआई पुरातत्व अवशेषों की खोज करने के साथ रख-रखाव का कार्य किया जा रहा है।
ट्रस्ट के निदेशक करणीसिंह जसोल ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा यहां पर सैलानियों के लिए सुविधा विकसित की जाएगी। जिसमें संपूर्ण किला परिसर की साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, स्थान-स्थान पर साइनेज बोर्ड लगवाने के साथ ही मोबाइल एप लांच किया जाएगा ताकि जोधपुर आने वाले पर्यटकों के लिए यह किला महत्त्वपूर्ण दर्शनीय स्थल बन सकें।