पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहते हैं. इस साल पौष अमावस्या 13 जनवरी को पड़ रही है. शास्त्रों में अमावस्या की तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन दान- स्नान का विशेष महत्व है. ऐसा करने से पापों का नाश होता है. साथ ही इस दिन दान करने से या फिर गरीबों की मदद करने से घर पितरों मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि अमावस्या तिथि को व्यक्ति को बुरे कर्म और नकारात्मक विचारों से भी दूर रहना चाहिए. आइए जानते हैं पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त और महत्व.
पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 12 जनवरी 2021, दोपहर 12:22 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त- 13 जनवरी 2021, सुबह 10:29 बजे
अमावस्या तिथि का महत्व
शास्त्रों में इस दिन का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. इस दिन कई शुभ कार्यक्रम किए जाते हैं. अमावस्या तिथि पर कई लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं. इस दिन पितृ तर्पण, गंगा स्नान और दान-पुण्य करना ज्यादा फलदायी माना जाता है. यह तिथि पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी गई है.
अमावस्या तिथि की पूजा विधि
-अमावस्या के दिन पवित्र नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें.
-सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें.
-तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.
-पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें.
-पितृ दोष से पीड़ित लोगों को पौष अमावस्या का उपवास कर पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए.
अमावस्या तिथि का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि को धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन-मनन के लिए इस माह श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं. जिस तरह से अमावस्या तिथि को चंद्रमा किसी को दिखाई नहीं देता है और उसका प्रभाव क्षीण होता है, उसी तरह का प्रभाव इंसान के जीवन में भी रहता है. अमावस्या को जन्म लेने वाले की कुंडली में चंद्र दोष रहता है और उस व्यक्ति का चंद्रमा प्रभावशाली नहीं रहता है.