वेल्लोर: भारत जितना बड़ा देश है उतने ही इस देश में विविधिताएँ भी है। भारत में रहने वाले लोग भी अपने देश के बारे पूर्ण रूप से नहीं जानते हैं। ऐसे में आपको बताऊँ की भारत में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अलावे भी एक और स्वर्ण मंदिर है तो आपको हैरानी होगी। जी हां दक्षिण भारत में एक और स्वर्ण उपस्थित है। इस मंदिर की खसियत है कि यह करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है और इसको बनाने में करीब 1500 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है। यह सोना शत प्रतिशत शुद्ध है। इस जानकारी से ही इस मंदिर की भव्यता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जिन लोगों ने भी अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर का दीदार किया है वे यहाँ जाने के बाद डोनो मंदिरों की समानता की तुलना करते हैं। स्वर्ण मंदिर जो अमृतसर में है उसके तरह भी इस मंदिर के चारों ओर विशाल तालाब है और यह मंदिर बीचों-बीच स्थित है। दक्षिण भारत के वेल्लोर में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी को समर्पित है। यहाँ दर्शन को दूर दूर से श्रद्धालु पूरे देश भर में से आते हैं। इस भव्य स्वर्ण मंदिर का नाम श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर है इसके अलावे इस मंदिर को श्री लक्ष्मी नारायण गोल्डन टेंपल भी कहा जाता है। इस मंदिर के आकर की बात करें तो यह श्रीयंत्र की तरह दिखता है और इस आकर की वजह से इस मंदिर की सुंदरता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। बात करें यह स्थित मुख्य मंदिर की तो यह प्रवेश द्वारा से लगभग 1.5 से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। इस लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थित तालाब में लोगों को सोने चाँदी के आभूषण और सिक्के डूबे हुए दिख जाते हैं। इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुँचने में कई आध्यात्मिक संदेश भी है जिन्हें पढ़ा जा सकता है। इस लक्ष्मी नारायण स्वर्ण मंदिर में प्रवेश के लिए एक ख़ास तरीक़े का ड्रेस कोड है जिससे धारण करने के बाद ही श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। यहाँ पर किसी तरह के गैजेट को ले जाने पर मनाही है। मंदिर में दर्शन की बात करें तो यह श्रद्धालुओं के लिए प्रातः 8 बजे से लेकर शाम के 8 बजे तक खुला रहता है और इस दौरान ही दर्शन किया जा सकता है।
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