बोधगया: बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर पर संकट के बादल मँडराने लगे हैं। विश्व धरोहर में शामिल महाबोधि मंदिर और बोधगया का विकास कार्य ठप पड़ सकता है। बीटीएमसी पर इन दिनों संकट छाए हुए हैं। दरसल बीटीएमसी को मिलने वाले दान पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध गृह मंत्रालय के द्वारा लगाया गया है इससे बीटीएमसी को मिलने वाले करोड़ों के फंड पर रोक लग गई है। बताया जा रहा है कि बीते डेढ़ महीने से इसे कोई भी दान राशि नहीं मिली है। दान के रूप में जो राशि आती थी वो विदेश से आया करती थी। हालाँकि इस प्रतिबंध के बाद बीटीएमसी की ओर से इसे निरस्त करने के लिए लगातार पहल की जा रही है परंतु अब तक कोई राहत नहीं मिली है। विदेशों से दान ना मिल पाने की वजह से बोधगया के विकास कार्य को भी क्षति पहुँची है। यह करवाई फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत करी गई है लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है इसको बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। सूत्रों के हिसाब से बताया जा रहा है कि बीटीएमसी की ओर से एफसीआरए लाइसेंस के तय मानक को पूरा नहीं कर पाया। हालाँकि इसको रद्द करने से पहले बीटीएमसी को नोटिस भेजी गई थी। प्रतिबंध लगाने के बाद से महाबोधि मंदिर की आय काफ़ी ज्यादा घाट गई है। बीटीएमसी को दान के रूप में श्रद्धालु विदेशी मुद्रा भेजा करते थे। बीटीएमसी के अनुसार दान के रूप सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा आया करता था जसिक इस्तेमाल महाबोधि मंदिर और बोधगया के विकास में इस्तेमाल किया जाता था। बीटीएमसी के मुताबिक़ 2021-22 में विदेशों से दान के रूप में करीब 44622360.70 रुपए आए थे। यह रक़म भी तब आयी जब बीच में कुछ महीने कोविड में गुजरा था। दो वर्ष तक कोरोना की महामारी की वजह से लगे प्रतिबंध में दिए जाने वाले दान पर ख़ासा असर पड़ा था। कुछ महीने और अगर यह प्रतिबंध लगा रहा तो मंदिर के सौंदर्यिकरण पर भी असर पड़ना शुरू हो जाएगा और इसके साथ ही चल रही योजनाएँ भी ठप पड़ जाएगी।
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