प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या के कण-कण में रघुवर का वास हैं अयोध्या की पावन धरती पर लगभग 8000 मठ मंदिर हैं , इन सभी मंदिरों की अपनी अलग- अलग मान्यताएं हैं , इन्ही मंदिरों में से कई ऐसे प्राचीन मंदिर भी हैं, जिनके दर्शन और पूजन के लिए देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। आज हम अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में आपको बताएंगे।
श्री राम मंदिर (अस्थायी ): - जैसा की हम सब जानते हैं कि। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है माना जा रहा है कि साल 2024 की शरुआत में राम लला इस भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, फिलहाल भगवान राम अयोध्या में अस्थाई मंदिर में विराजमान हैं. जहां भारी संख्या में श्रद्धालु रघुवर के दर्शन के लिए आते हैं इस मंदिर के पट सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलते हैं दोपहर में 12:00 बजे भगवान राम की आरती होती है उसके बाद मंदिर के कपाट दोपहर 2:00 बजे से 7:00 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं उसके बाद शाम के 7:30 बजे रामलला की आरती होती है
सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर:- अयोध्या के प्रसिद्द मंदिरों में से एक है प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर, यह मंदिर प्रभु श्री राम के परम भक्त महाबली हनुमान को समर्पित है, इस मंदिर में हनुमान जी को लाल चोला चढाने की विशेष मान्यता है , कहते हैं यहां मांगी गयी हर मुराद पूरी होती है.. इस मंदिर के कपाट सुबह 5:00 बजे से ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं जो रात 11:00 बजे तक खुले रहते हैं।
कनक भवन:- अयोध्या का कनक भवन वह महल है जिसको रानी कैकेई ने माता सीता को दिया था.यह माता सीता और भगवान राम का निजी महल है... कनक भवन अयोध्या के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है इसके गर्भगृह में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी विराजमान हैं. सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए कनक भवन के पट खुले रहते हैं।
दशरथ महल :- त्रेता युग में महाराज दशरथ ने इस सुन्दर महल की स्थापना की थी। लेकिन दशरथ महल अब एक पवित्र मंदिर का रूप ले चुका है यहां भगवान राम अपने सभी भाइयों और माता सीता के साथ विराजमान हैं। इस मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सुबह 7:00 बजे पट खुलते हैं और रात्रि 11:00 बजे बंद होते हैं. इस बीच भगवान की आरती होती है, जिसमें रोज सैकड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।
राम की पैड़ी:- राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रंखला है ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्नान करने से पाप धुल जाते हैं यहां भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा स्थापित नागेश्वर नाथ मंदिर है. जहां भगवान शंकर विराजमान हैं. श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर सुबह 4:00 बजे खुलता है और रात्रि 9:00 बजे इसके पट बंद होते हैं।
अक्षरा आर्या