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2 मई को खुलेंगे तुंगनाथ मंदिर के कपाट, सबसे उंचा है मंदिर !

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। 30 अप्रैल से यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। सबसे पहले यमुनोत्री और फिर गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खोल दिये जाएंगे। चारधाम यात्रा में पंच केदारों का भी काफी महत्व है, जिसमें से रुद्रप्रयाग जिले में मौजूद तुंगनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को सुबह 10 बजे मिथुन लग्न में खोले जाएंगे।  

 

चलिए, आपको इस मंदिर के बारे में कुछ जानकारी दे दें। तुंगनाथ मंदिर में भोलेनाथ की भुजाओं की पूजा होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन इतनी आसानी से नहीं होते हैं बल्कि यहां जाने के लिए करीब तीन किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। ये मंदिर महाभारत काल का बताया जाता है, जिसे पांडवों ने बनवाया था। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए यहीं तपस्या की थी। कहा तो ये भी जाता है कि भगवान राम ने रावण के वध के बाद इस जगह खुद को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त करने के लिए तपस्या की थी। यही कारण है इस स्थान को चंद्रशिला के नाम से भी जाना जाता है। चन्द्रनाथ पर्वत पर सुशोभित तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर और उत्तराखंड का सबसे ऊंचा पंच केदार मंदिर है।

 

यह पंच केदारों में तीसरा (तृतीय केदार) है। तुंगनाथ समुद्र तल से 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे 1,000 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है। चन्द्रनाथ पर्वत पर सुशोभित तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर और उत्तराखंड का सबसे ऊंचा पंच केदार मंदिर है।