5 साल बाद 30 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा
कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले भक्तों के लिए बड़ी खबर है। कोविड और उसके बाद चीन के साथ सीमा पर तनाव के बाद से बंद पड़ी यह यात्रा इस बार फिर शुरू होने जा रही है । यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही भारत और चीन के बीच बेहतर हो रहे संबंधों का भी संकेत है ।
इस पूरी यात्रा में लगभग 22 दिन लगते हैं, जिसमें से 14 दिन भारत और 8 दिन चीन (तिब्बत) के क्षेत्र में बिताए जाते हैं। यह यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरेगी। यात्रा में 250 तीर्थयात्री शामिल होंगे, जिन्हें 5 समूहों में विभाजित किया जाएगा । यात्रियों की स्वास्थ्य जांच पहले दिल्ली और फिर गुंजी में की जाएगी, ताकि ऊंचाई और कठिन मौसम में यात्रा के लिए वे पूरी तरह से तैयार हों। इस यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) करेगा ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कैलाश पर्वत को भगवान शंकर का निवासस्थान माना जाता है। यहां एक झील भी है जिसे “मानसरोवर झील” के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि ब्रहम मुहूर्त में देवता भी इस झील में स्नान करने के लिए आते है। इस झील में पवित्र डुबकी लगाने से पिछले 7 जन्मों के सभी पाप मिट जाते हैं। कैलाश पर्वत को ॐ पर्वत के रूप में भी जाना जाता है. तीर्थयात्रियों का कहना है कि यहां पहुंचने पर ॐ स्वर सुनाई पड़ता है।