यमुनोत्री-गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू
यमुनोत्री धाम में मां यमुना और गंगोत्री में मां गंगा के मंदिर के कपाट खुलते ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो गई। दोनों जगह कपाटोद्घाटन के मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद धामी पहले मुख्यमंत्री हैं जो कपाट खुलने के अवसर पर यमुनोत्री धाम पहुंचे। इसी के साथ स्थानीय लोगों में गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के विकास की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि दोनों धामों की व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े कार्य प्राथमिकता के साथ किये जाएंगे। गंगोत्री धाम में भी मुख्यमंत्री ने विशेष पूजा-अर्चना की। इस मौके पर हेलीकॉप्टर से तीर्थयात्रियों पर पुष्पवर्षा भी की गई। गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही जनपद के विभिन्न गांवों से देव डोलियां और पांडव पश्वाओं के साथ सैकड़ों ग्रामीण गंगा के दर्शन के लिए पहुंचे।
चारधाम यात्रा में यमुनोत्री धाम सबसे पहला पड़ाव है और सबसे पहला सतयुगकालीन मंदिर भी है। यहाँ श्यामवर्ण यमुना महारानी के दर्शन होते हैं। वहीं दूसरे पड़ाव गंगोत्री धाम की महिमा बताती है कि भगीरथ जी की प्रार्थना से प्रसन्न होकर उनके पूर्वजों को मुक्त करने के लिए स्वर्ग से भगवती गंगा महादेव की जटाओं से होती हुई इस स्थान पर अक्षय तृतीया के दिन ही अवतरित हुई थीं । इसलिए यहाँ गंगा का एक नाम भागीरथी भी है। अब गंगोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं। इसके बाद तीसरे पड़ाव केदारनाथ के कपाट 2 मई को खुलेंगे, जहाँ भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग रूप में दर्शन होते हैं। जबकि चौथे और अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ धाम में भगवान नारायण के अद्भुत दर्शन होते हैं । चूंकि यहां माता लक्ष्मी ने प्रभु नारायण की सेवा करने के लिए बद्री के वृक्ष का स्वरुप धारण किया था इसलिए ये स्थान बद्रीनाथ के नाम से विख्यात है। इस स्थान को धरती के बैकुंठ की ख्याति प्राप्त है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई खुलेंगे।