छत्तीसगढ़: भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, जितनी भी कोशिश की जाए भारत को समझने में कुछ न कुछ नए और अनोखे चीज़ों से सामना हो ही जाता है। ऐसे में ही छत्तीसगढ़ के धमतरी के सटियारा गांव में देश का एक ऐसा मंदिर है जहां लोग ना सिर्फ़ देवी-देवताओं का पूजन अर्चना करते हैं बल्कि महात्मा गांधी की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर में इसके अलावा भारत माता की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर में सारे ही त्योहार और राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं चाहे वह नवरात्रि के समय मनोकामना ज्योति जलाना हो या स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करना हो। यहां आज़ादी की ख़ुशियां भी मनाई जाती है। धमतरी जिला मुख्यालय से गंगरेल बांध के रास्ते पर 40 किलोमीटर और सड़क से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सटियारा गांव में यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए गंगरेल से नाव के सहारे जाना पड़ता है। कांकेर जिले के चारामा के रास्ते होकर जाने से इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर को भारत माता सेवा समिति के द्वारा चलाया जाता है। यहां गांधी जी की पूजा को लेकर कहा जाता है कि समिति के गुरुदेव महात्मा गांधी के परम भक्त थे और वे गांधी जी के विचारो से काफ़ी प्रभावित थे। ऐसे में गांधी जी के विचारों को आगे बढ़ाने के मकसद से मंदिर की स्थापना करवाई गई। गंगरेल बांध का जब निर्माण हुआ तो यह मंदिर पानी में डूब गया था जिसको बाद में नदी के किनारे बनवाया गया। इस मंदिर में प्रसाद और पूजन विधि ख़ास है। यहां प्रसाद के रूप में चावल के आटे का इस्तेमाल किया जाता है तो पूजा करते वक़्त गांधी जी की तरह ही सादे वस्त्रों को पहना जाता है। मंदिर में चढ़ावे के रूप में खादी के कपड़े चढ़ाए जाते हैं। हालांकि इस मंदिर तक पहुंचना काफ़ी मुश्किल है और यहां सुविधाओं का अभाव है। घने जंगल और पगडंडी से गुजरना होता है और जंगली जानवरों का ख़तरा हमेशा बना रहता है।
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