सप्तपुरियों में प्रथम, मोक्षदायिनी और प्रभु राम की जन्मस्थली एक बार फिर भव्य दीपोत्सव के लिए तैयार हो रही है। इस बार यहां 28 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे। यह कार्यक्रम 17 से 19 अक्टूबर तक चलेगा जिसे पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, संत-महंत, स्थानीय लोग और स्टूडेंट वालंटियर्स मिलकर भव्य बनाएंगे। इस विशाल सांस्कृतिक अनुष्ठान के तहत राम की पैड़ी और सरयू नदी के कुल 56 घाटों पर 28 लाख दीप प्रज्जवलित किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त अयोध्या के मंदिर-मठों और स्थानीय निवासियों के घरों पर भी दीपमालाएं रौशन होंगी।
टूटेगा अपना ही कीर्तिमान
इस तरह लाखों दीये एक साथ जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया जाएगा और अपने ही पिछले कीर्तिमान को तोड़ा जाएगा। इसके साथ ही सरयू नदी की आरती में भी नया कीर्तिमान बनेगा, जिसमें पिछली बार के 1200 से अधिक ब्राह्मणों की तुलना में इस बार 2100 से ज्यादा ब्राह्मण एक साथ आरती करेंगे। साथ ही ड्रोन शो की भव्यता भी बढ़ाई जाएगी। पिछली बार 500 ड्रोन के साथ हुए शो में इस बार 1100 ड्रोन शामिल होंगे, जो एक और नया रिकॉर्ड होगा। इस तरह तीन नए विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का लक्ष्य है। दीपोत्सव के सभी कार्यक्रमों में भी इस बार एक नई जीवंतता दिखाई पड़ेगी।
झाकियां, प्रदर्शनी और डिजिटल दीया
बात सिर्फ दीप प्रज्जवलन और सामूहिक आरती तक ही सीमित नहीं है बल्कि पर्यटन और संस्कृति विभाग रामायण के सातों कांडों पर आधारित थीम पर झांकियां निकालेगा। वहीं जिला सूचना विभाग 15 झांकियों में योगी सरकार के विकास कार्यों को दर्शाएगा। श्री अयोध्याजी तीर्थ विकास परिषद ने उन श्रद्धालुओं के लिए, जो आयोजन में नहीं आ सकते, 'एक दीया राम के नाम' डिजिटली प्रज्ज्वलित करने की व्यवस्था की है।
विदेशी कलाकारों की रामलीला
इसके अलावा 9वें दीपोत्सव में आकर्षण का केंद्र बनेगी रामलीला, जिसमें विदेशी कलाकार हिस्सा लेंगे । इस बार थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका व नेपाल के कलाकार हिस्सा लेंगे और इसके भव्य मंचन की तैयारी की जा रही है। इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान दवारा रामकथा पार्क में होगा । यही नहीं, इस दौरान रामलीला से जुड़ी वस्तुएं जैसे - मुखौटे, हैंड प्राप्स, तलवार, गदा, धनुष आदि की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
ग्रीन आतिशबाजी, लेजर और ड्रोन शो
हर बार की तरह इस बार भी सरयू तट पर रंगीन आतिशबाजी, आकर्षक लेजर शो और शानदार एरियल ड्रोन प्रस्तुति देखने को मिलेगी । खास बात है कि इस बार की आतिशबाजी ‘ग्रीन आतिशबाजी’ होगी । उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा तैयार यह एकदिवसीय अयोध्या दीपोत्सव टूर पैकेज श्रद्धालुओं को न केवल दीपोत्सव की भव्यता का साक्षी बनाएगा, बल्कि उन्हें अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से भी रूबरू कराएगा। पूरे नगर को दीप-आकार की सजावटी लाइटों से सजाया गया है। रामपथ से सरयू तट तक लगी ये लाइटें अयोध्या के सौंदर्य और आध्यात्मिक भव्यता को बढ़ा रही हैं। इस वर्ष दीपोत्सव की थीम 'अयोध्या: प्रकाश और भक्ति की नगरी' रखी गई है, जिसके माध्यम से आस्था, विकास और सांस्कृतिक गौरव की त्रिधारा प्रस्फुटित होगी।
इस बार 6 दिन का है पंचमहापर्व ‘दीपावली’
आपको बता दें कि इस वर्ष पंचमहापर्व दीपावली पांच के बजाय छह दिनों का होगा, क्योंकि धनतेरस दो दिन मनाया जाएगा। 18 अक्टूबर को धनतेरस (धन्वंतरि जयंती) का आरंभ होगा और 19 अक्टूबर तक अनुष्ठान एवं खरीदारी की जा सकेगी। इस दौरान छोटी दीपावली और हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। 20 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी, 22-23 अक्टूबर को क्रमशः अन्नकूट-गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।इस तरह अयोध्या जी में प्रभु राम पधारने का उत्सव दीपों, आरती, झांकियों, शोभायात्रा, रामलीला, रंगोली और आतिशबाजी के संगम के साथ श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।
देश-विदेश के अतिथि आमंत्रित
इसके लिए सनातन धर्म का पालन करने वाले हिन्दू बाहुल्य देशों जैसे नेपाल, मारिशस, गुयाना, फीजी, भूटान, सूरीनाम, ट्रिनीडाड एण्ड टोबैगो, श्रीलंका, मलेशिया, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, कम्बोडिया, म्यांमार आदि देशों के संस्कृति मंत्रियों को दीपोत्सव में आमंत्रित किया गया है। देश के विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्रियों, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री और केन्द्रशासित राज्यों के प्रशासकों को भी इस मेगा इवेंट का साक्षी बनने के लिए निमंत्रण भेजा गया है।
2017 से हो रहा है ‘दीपोत्सव’
वैसे तो दीपोत्सव की शुरुआत पौराणिक काल से हुई है, जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीये जलाकर पूरे नगर को रोशन किया था। तभी से इस उत्सव को हर साल दीपावली के रूप में मनाया जाता है, जिसे दीपोत्सव भी कहते हैं। इसी के समानांतर अयोध्या में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी समारोहपूर्वक दीपोत्सव का भव्य आयोजन 2017 में शुरू किया था और उसी आयोजन का इस बार नौवां पड़ाव है। यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश, विशेषकर अयोध्या की संस्कृति और आस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि विश्व पटल पर इसकी पहचान को भी और मजबूत करेगा।