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मध्यप्र देश के छतरपुर में गढ़ा स्थित बागेश्वर बाला जी धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की अगुवाई में दिल्ली के छतरपुर से 7 नवंबर को सनातन एकता पदयात्रा का शुभारंभ हो रहा है। आखिर किन उद्देश्यों के साथ हो रही है पदयात्रा और इस दौरान क्या-क्या होंगे पड़ाव, आइये जानते हैं।
दरअसल, बागेश्वर धाम सरकार देश-विदेश के मंचों से लगातार सनातन धर्म की एकता के पक्ष में लगातार मुखरता से आवाज उठाते रहे हैं। स्वयं महाराज जी के अनुसार यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि ब्रज क्षेत्र में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक लगे, यमुना शुद्ध हो, और धार्मिक स्थलों पर भी राष्ट्रगीत गूंजे। जब तक सभी सनातनी एकजुट नहीं होते, हमारा प्रयास जारी रहेगा। इसके अतिरिक्त भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो, गौमाता राष्ट्र माता घोषित हों, भव्य श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर हो, बृज परिसर को पुराना स्वरूप मिले, अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद बंद हो, जैसे संकल्पों को भी इस यात्रा के उद्देश्यों के साथ जोड़ा गया है। इस तरह यह यात्रा देश-दुनिया के सनातनियों को जगाने के लिए है।
दिल्ली से वृंदावन धाम तक ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0’ का आयोजन 7 से 16 नवंबर 2025 तक हो रहा है । इस दौरान कई पड़ाव होंगे। हर स्थान पर यात्रा सुबह से शुरू होकर 7-8 किलोमीटर दूर भोजन के लिए रुकेगी और उसके बाद फिर 7-8 किलोमीटर चलकर रात्रि विश्राम करेगी । इस तरह हर दिन औसतन 15 किलोमीटर की पदयात्रा होगी। पूरे दस दिन की यात्रा में डेढ़ सौ किलोमीटर से ज्यादा पैदल चला जाएगा।

